Sunday, July 10, 2011

Random ones

मर मर के तो कोई भी जी लेता है,
असली जीना तो उसका जीना है,
जो जख्म भुला दे,
और गम पे लेता है.

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माना चीज़ ख़राब पीता हूँ,
माना बेहिसाब पीता हूँ ,
लोग तो लोगों का खून पीते हैं,
में तो सिर्फ शराब पीता हूँ .

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मास्टर जी बच्चों को पढ़ते हुए कहते हैं :

एक हमारे नेताजी सुभाष चन्द्र बोसे थे ,
जो कहते थे तुम मुझे खून दो में तुम्हे आज़ादी दूंगा,
और एक आज के नेता हैं ,
जो कहते हैं की तुम मुझे वोट दो , में तुम्हे बर्बादी दूंगा.
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शर्म का क्या है , शर्म तो आती जाती है,
हम तो हैं पक्के बेशरम, हम से तो शर्म भी शर्माती है.

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एक बार हम नेता बनने का interview देने गए,
वहां हमसे प्रश्न किया गया,
की क्या आपने कभी एक अंधे भिकारी के कटोरे में १० पैसे दाल कर २० पैसे निकाले हैं,
हमने उत्तर दिया नहीं, तो वे बोले
आप कभी नेता नहीं बन पाएंगे ,
एक अंधे भिकारी को तो बेवकूफ बना नहीं पाए,
१२० करोड़ २ आंख वालों को क्या ख़ाक बेवकूफ बनओगे.

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