Monday, July 11, 2011

कलयुग

जब सूर्य आग उगलेगा ,
और चारों और अकाल छाएगा,
जब आये साल नदियों मैं उफान आयेगा,
और बाढ़ का पानी बेकसूर जनता को बहायेगा,
तब घोर कलयुग छाएगा,
इस दुनिया का अंत आ जायेगा.

जब खेतों मैं अन्न की जगह बन्दूक उगेंगी,
और आतंकवाद अपनी जडें फैलाएगा,
चहुँ और हिंसा होगी,
और मौत का देवता तांडव रचाएगा,
तब घोर कलयुग छाएगा,
इस दुनिया का अंत आ जायेगा.

जब भाई भाई को मरेगा,
और बेटा बाप के खून का प्यासा हो जायेगा,
हर कोमल रिश्ते को कलंक लग जायेगा,
और शैतान अपना सर उठाएगा,
तब घोर कलयुग छाएगा,
इस दुनिया का अंत अ जायेगा.

जब सच का देवता अपना मुह छुपायेगा,
और झूठ का बोलबाला हो जायेगा,
जब मशीनएं लड़ाईअन लड़ेंगी,
और इंसान मुफ्त में जान गँवाएगा , 
तब घोर कलयुग छाएगा,
इस दुनिया का अंत अ जायेगा.

जब माँ बच्चे को दुत्कारेगी ,
और उसका ममत्व मर जायेगा ,
बाप ताड़ी पी कर सोयेगा,
और बच्चा कमा कर लायेगा,
तब घोर कलयुग छाएगा,
इस दुनिया का अंत अ जायेगा.

हर चीज़ बिकाऊ हो जाएगी,
और शिक्षा भी व्यापार बन जायेगा,
बाप बेटे को डिग्री खरीद कर देगा,
और बेटा गुरुओं को आँख दिखायेगा,
तब घोर कलयुग छाएगा,
इस दुनिया का अंत अ जायेगा.

चारों और अशांति होगी,
और एक देश दुसरे से टकराएगा,
शांति की कोशिश तो बहुत होगी,
पर विश्व युद्ध टल न पायेगा,
तब घोर कलयुग छाएगा,
इस दुनिया का अंत अ जायेगा.

इस दुनिया का अंत अ जायेगा.

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